MBA Makhana Wala नौकरी छोड़ शुरू किया स्टार्ट अप, आज कर रहे हैं करोड़ों की कमाई

सरवण रॉय 2019 से मखाना के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. वे बताते हैं कि उन्होंने तमिलनाडु के तंजौर की एक इंस्टीयूट में फूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है. उस दौरान उन्होंने एक प्रोजेक्ट के तौर पर पोपिंग मखाना मशीन पर काम किया. फिर तय कर लिया अब मखाना पर ही काम करना हैएमबीए मखानावाला | 

अवधारणा है कि खेती-किसानी से जुड़े व्यवसायों में ज्यादा मुनाफा नहीं है. ऐसा वही लोग कहते नजर आते हैं, जो बिना किसी प्लानिंग के कृषि से जुड़े बिजनेस की शुरुआत कर देते हैं. ऐसे में उन्हें अच्छा-खासा नुकसान होता है. खेती-किसानी से जुड़े बिजनेस में बहुत स्कोप है, ये कर दिखाया है बिहार के दरभंगा के रहने वाले श्रवण कुमार रॉय ने मखाना उत्पादों का शुरू किया व्यवसाय 'किसान तक' के मुताबिक श्रवण कुमार रॉय ने मखाने से बनने वाले उत्पादों को लेकर अपना स्टार्टअप शुरू किया है. बाजार में वह MBA मखाना वाला के नाम से मशहूर हो रहे हैं. बता दें कि श्रवण कुमार ने फूड टेक्नोलॉजी में इजीनियरिंग की पढ़ाई की है. फिर उन्होंने एमबीए किया. अब नए स्टार्टअप से बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं.

श्रवण कुमार कहते हैं कि बिहार में लोगों का पहला लक्ष्य सरकारी नौकरी पाना होता है. जब वह यहां फेल हो जाते हैं तो ही प्राइवेट नौकरी और बिजनेस की तरफ रूख करते हैं. इसे बदलने की जरूरत है. युवा खुद का स्टार्टअप खोल बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

युवाओं के अंदर स्टार्टअप को लेकर जागरूकता फैलाने की सख्त जरूरत श्रवण आगे कहते हैं कि वह युवाओं को बताना चाहते हैं कि किस तरह उन्होंने एक महीने में लाख रुपए से ऊपर की नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरु किया है. इसके दम पर अब कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं. युवाओं के अंदर स्टार्टअप को लेकर जागरूकता फैलाने की सख्त जरूरत है.

कैसे मखाना व्यवसाय में हुई एंट्री श्रवण 2019 से मखाना के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. वे बताते हैं कि उन्होंने तमिलनाडु के तंजौर की एक इंस्टीयूट में फूड टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की है. उस दौरान उन्होंने एक प्रोजेक्ट के तौर पर पोपिंग मखाना मशीन पर काम किया. इस दौरान मखाना के व्यवसाय को लेकर दिमाग में अच्छे आईडिया आए. फिर तय कर लिया अब मखाने पर ही काम करना है. उनकी पत्नी भी इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर मखाने के व्यवसाय से जुड़ चुकी हैं. फिलहाल वे इस स्टार्टअप से अच्छा मुनाफा कमाने लगे हैं.


आज बहुत से युवाओं के लिए प्रेरणा देने वाला स्टार्ट अप बन चुका है. ये सक्सेस स्टोरी युवाओं को खूब लुभा रही है. क्योंकि इस फूड बिज़नेस की तारीफ बिहार और यूपी के सीएम भी कर चुके हैं.


Photo: "Gorakhpur Mahotsav" being organized on 11th to 13th Jan 2023. The Mahotsav shall be the biggest of its kind ever organized in Gorakhpur.

एमबीए मखानावाला (#MBAMakhanaWala) आज एक सफल ब्रांड बन चुका है. जैसे कि ग्रेजुएट चायवाला, एमबीए चायवाला वगैरह. कुछ उसी तरह ये एमबीए मखानावाला भी अब काफी पॉपुलर हो चुका है. बिहार और यूपी सरकार भी एमबीए मखानावाला प्रोडक्ट की खूब तारीफ कर चुकी है. लिहाजा आज की तारीख में एमबीए मखानावाला बहुत से युवाओं को प्रेरित कर रहा है.

आज युवाओं में स्टार्ट अप का काफी क्रेज है. सक्सेस की ये कहानी बिहार के एक उत्साही युवक की है. नाम है श्रवण कुमार राय. जिसका मानना रहा है कि युवाओं में पहले सरकारी नौकरी करने का क्रेज होता है. लेकिन सरकारी नौकरी की अपनी सीमाएं हैं. अगर हर कोई सरकारी नौकरी करना चाहेगा तो उतनी नौकरी कहां से आएगी.

फूड बिज़नेस में नाम कमाना चाहता था

श्रवण कुमार राय को फूड बिज़नेस में काम करने की इच्छा काफी पहले से रही है. उन्होंने तमिलनाडु के तंजौर से फास्ट फूड एंड टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने मास्टर ऑफ बिजनेस की भी पढ़ाई पूरी की. मखाना का बिजनेस इसलिए करना चाहा क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी उत्तम होता है.

पढ़ाई के बाद नौकरी की लेकिन रास नहीं आई

कोर्स कंप्लीट होने के बाद श्रवण कुमार राय ने प्राइवेट कंपनी में नौकरी की. लाखों का पैकेज मिला. लेकिन लाखों की ये नौकरी श्रवण कुमार राय ने छोड़ दी और फिर अपना बिज़नेस शुरू करना चाहा. श्रवण बिहार के जिस जिले का रहने वाला है, उसे मखान का बड़ा केंद्र कहा जाता है.

शुरू किया मखानावाला

बिहार के दरभंगा, मधुबनी के मखान की मांग देश भर में है. इस बाजार को देखते हुए श्रवण कुमार राय ने नौकरी छोड़कर अपना स्टार्ट अप शुरू किया. और नाम रखा- एमबीए मखानावाला. हम अक्सर कहते हैं नाम में क्या रखा है लेकिन मार्केटिंग की दुनिया में नाम का खास मायने होता है. श्रवण कुमार की कंपनी एमबीए मखानावाला ने अपने अनोखेपन को लेकर सबका ध्यान खींच लिया.

कंपनी बनाते ही मिली सफलता

श्रवण कुमार राय ने साल 2019 में अपनी कंपनी शुरू की थी. उन्होंने मखाना से जुड़े अलग-अलग किस्म के उत्पाद बनाने शुरू किये. पोपिंग मखाना मशीन पर खासतौर पर काम किया. और इस तरह देखते ही देखते लोगों में यह ब्रांड लोकप्रिय हो गया.

आज की तारीख में श्रवण कुमार राय उन युवाओं की प्रेरणा बन कर उभरे हैं, जो अपने गांव, शहर से पलायन कर जाते हैं. या नौकरी नहीं मिलने पर निराश होकर हाथ पर हाथ धर कर बैठ जाते हैं. श्रवण कुमार आज करोड़ों की कमाई कर रहे हैं. और बेरोजगार युवाओं को नौकरी दे रहे हैं.



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